अपने जमाने की मशहूर फिल्मी तिकड़ी थी दिलीप कुमार, देवानंद और राजकपूर जी की, हालां कि इन के साथ साथ राजेंद्र कुमार, सुनील दत्त, राजकुमार, प्रदीप कुमार, भारत भूषण, जैसे कुछ और भी अभिनेता थे मगर पहले दर्जे पर इन्ही की तूती बोलती थी।तीनों का अपना एक अलग स्टाइल हुआ करता था, दिलीप कुमार जहां ट्रेजडी किंग थे तो देव साहिब एक स्टायल्श प्लेबॉय रहे और राज कपूर हिन्दी फिल्मों के शो मैन।
दिलीप साहब के बारे में तो सुना था के वो पर्सनल लाइफ में भी डिप्रेशन में रहते थे और उनको दोस्तों ने उनको फिल्मों में हल्के फुल्के रोल्स करने की सलाह दी थी।देव साहिब ने याद नहीं आता कि कभी ऑन स्क्रीन आंसू बहाए हों। या रोए हों और फिल्म के हर फ्रेम में खुद को पेश करते थे।हां गाइड में उनके कुछ इ मोशनाल दृश्य जरूर थे।राज कपूर जी के बारे में कहा जाता था के वो पर्दे पर बड़ी खूबसूरती से उत्तेजित दृश्यों को पेश करते थे और यह ट्रेंड इन्हों ने ही शुरू किया था।
तीनों का अपना अपना ग्रुप हुआ करता था।दिलीप कुमार, नौशाद, शकील बदायूंनी, मोहमद रफी,राजकपूर, मुकेश, शंकर जयकिशन, हसरत जयपुरी और शैलेंद्र,देवानंद, एस डी बर्मन, किशोर कुमार, साहिर लुधियानवी, देव साहिब के लिऐ मोहमद रफी साहब ने भी गीत गाए और कुछ और गीतकारों ने भी गीत लिखे,यही बात राज कपूर और दिलीप कुमार जी के लिए भी लागू होती है मगर जायदा तर यह इन्हीं लोगों से जुड़े रहे।
1960 के दौर में इन तीनों की फ़िल्में रिलीज़ हुई थीं,,(गंगा जमना, जिस देश में गंगा बहती है,और हम दोनों)और तीनों हिट फिल्में रही थीं।राज कपूर के जन्मदिन पर देव आनंद, राज कपूर और दिलीप कुमार एक साथ इकट्ठा हुए।(फोटो दिनांक 14 दिसम्बर 1960)

Author: raftarhindustanki



